March 28, 2024

उत्तराखंड में फिर ‘बलूनी है तो मुमकिन है!’: राज्य को मिल सकता है टाटा से बड़ा तोहफा..

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नवीन समाचार, नई दिल्ली, 28 नवम्बर 2020। उत्तराखंड को जल्द ही कैंसर इंस्टीट्यूट के रूप में एक बड़ी सौगात मिल सकती है।  भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इसके लिए पहल की है।

उल्लेखनीय है कि बलूनी पिछले दिनों कैंसर से ग्रस्त हो गए थे। इस दौरान मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट मैं उनका उपचार हुआ था। बताया जा रहा है कि इस दौरान ही उनके मन में विचार आया था कि उत्तराखंड के आम लोगों के लिए भी इस तरह की सुविधा होनी चाहिए तभी उन्होंने टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा से इस इंस्टीट्यूट की शाखा उत्तराखंड में खोलने की बात कही, जिस पर ही उन्हें रतनजी टाटा की ओर से खत लिख कर भरोसा दिलाया गया है। अनिल बलूनी ने इसकी जानकारी अपने फेसबुक पेज पर भी दी है।

जानकारी के मुताबिक टाटा ग्रुप ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और सब कुछ ठीक रहा तो जल्द कैंसर इंस्टीट्यूट का तोहफा राज्य को मिल सकता है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 8 मार्च 2019। राज्य सभा सांसद बनने के बाद छोटी सी अवधि में ही पूरे राज्यवासियों के दिलों पर छा गये और वास्तव में ‘सांसद’ पद की उपयोगिता साबित करने वाले अनिल बलूनी अब प्रदेश की दो पर्वतीय पर्यटन नगरों-नैनीताल व मसूरी वासियों का दिल जीतने की राह पर नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को बलूनी ने अपने फेसबुक खाते के जरिये सूचना दी है ‘मसूरी की पेयजल योजना स्वीकृत और नैनीताल की 333 करोड़ की योजना पर कार्य जारी, माननीय प्रधानमंत्री जी का शत-शत अभिनंदन!!’ साथ ही एक अन्य पोस्ट में लिखा है कि उन्होंने 25 दिसंबर को बताया था कि मसूरी व नैनीताल की पेयजल समस्या के लिए प्रयासरत हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए अवगत करा रहे हैं कि प्रधानमंत्री की विशेष निधि से मसूरी के पेयजल संकट के समाधान के लिए 187 करोड़ की योजना स्वीकृत करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8 करोड़ रुपये जारी भी कर दिये गये हैं। मोदी हैं तो मुमकिन है।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 3 मार्च 2019 । राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी लगातार उत्तराखंड के उत्थान  के लिए नई पहल  करते  जा रहे हैं  इसी कड़ी में  बलूनी ने प्रसिद्ध गीतकार, लेखक और भारतीय सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी से भेंट की है। अनिल बलूनी ने प्रसून जोशी से अनुरोध किया कि वे उत्तराखंड में पर्यटन के विकास हेतु एक ऐसा प्रेरक गीत लिखें कि पर्यटन और तीर्थाटन हेतु देश-विदेश के सैलानी और श्रद्धालु उत्तराखंड आयें। इससे जनता उत्तराखंड को देखेगी और उत्तराखंड से पलायन रुकेगा। अनिल बलूनी ने कहा, हमें गर्व है कि देवभूमि के बेटे प्रसून जोशी ने अपनी कलम से उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है।  माना जा रहा है कि प्रसून जोशी ने बलूनी केेेे अनुरोध पर उत्तराखंड के लिए एक सुंदर गीत लिखने का मन बना लिया है।

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-बलूनी ने कहा-उद्घाटन का इंतजार न करें, जनता के लिए शुरू करें नई योजनाएंं, इसे कहां जा रहा है बदलती राजनीति का संकेत

-बलूनी की सांसद निधि से लगभग पूर्ण हो चुके कोटद्वार व उत्तरकाशी आईसीयू एवं वेंटिलेटर सेंटर

नवीन समाचार, नैनीताल, 25 फरवरी 2019 ।राज्यसभा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने अपनी सांसद निधि से लगभग पूर्ण हो चुके कोटद्वार और उत्तरकाशी आईसीयू एवं वेंटीलेटर सेंटरों के उद्घाटन का इंतजार किए बगैर शुरू कर देने को कहा है।अनिल बलूनी ने कोटद्वार और उत्तरकाशी आईसीयू एवं वेंटीलेटर सेंटरों के बाबत में प्रदेश के स्वास्य सचिव को पत्र भेजकर कहा है कि आईसीयू सेंटर का निर्माण कार्य पूर्ण होते ही उद्घाटन की औपचारिकता की प्रतीक्षा करने के बजाय तत्काल उसे जनता की सेवा में समर्पित कर दिया जाए।सांसद बलूनी ने कहा की जनता के धन से जनता के लिए तैयार की गई सुविधा तत्काल जनता की सेवा में समर्पित हो जानी चाहिए। हमें शिलान्यास, उद्घाटन आदि की औपचारिकताओं से ऊपर उठ कर व्यावहारिक होने की आवश्यकता है। समय के साथ हमें अपनी कार्यसंस्तुतियों में बदलाव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईसीयू का निर्माण पूर्ण होते ही उसे तत्काल जनता की सेवा में प्रारंभ कर देना चाहिए। ऐसा न हो कि उद्घाटन की औपचारिकताओं के कारण तैयार आईसीयू होते हुए भी कोई महत्वपूर्ण जीवन संकट में पड़ जाए क्योंकि तैयार होते ही यह जनता की स्वत: संपत्ति है। सांसद बलूनी ने कहा कि संतोषजनक समय में आईसीयू सेंटर का निर्माण पूर्ण हुआ है। इनका कुशल संचालन हो और अपेक्षित मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर जनता को सुविधा देना हमारी प्राथमिकता है़ दुर्गम क्षेत्रों में आईसीयू सेंटर गंभीर रोगियों के लिए वरदान साबित होंगे।

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नवीन समाचार, नैनीताल, 5 फरवरी 2019 । राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी एम्स ऋषिकेश और सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी के नजदीक सांसद निधि व अन्य संस्थाओं के सहयोग से आरोग्य सदनों का निर्माण कराएंगे। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में बनने वाले इन आरोग्य सदनों से पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले गरीब रोगियों और उनके परिजनों को बड़ी राहत मिलेगी।

बलूनी ने मंगलवार को इस संबंध में देहरादून और नैनीताल के जिलाधिकारियों व ऋषिकेश और हल्द्वानी के मेयरों से चर्चा कर आरोग्य सदनों के लिए शीघ्र भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। बलूनी ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों से आने वाले रोगियों एवं उनके परिजनों को उपचार के अलावा भोजन, परिवहन और प्रवास में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। अस्पताल के निकट बनने वाले आरोग्य सदन उनका परिवहन एवं प्रवास खर्चा बचाएंगे। साथ ही उन्हें कम लागत पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए कैंटीन का भी निर्माण कराया जाएगा। बलूनी ने कहा कि प्रथम चरण में इन सदनों में 100 से अधिक व्यक्तियों के रुकने के लिए कक्षों के साथ-साथ दो डोरमेट्री हॉल (पुरुष-महिला) और कैंटीन का निर्माण कराया जाएगा।

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बलूनी ने मांगा उत्तराखण्ड के लिये सम्पूर्ण स्वास्थ्य कवच
नैनीताल, 24 नवंबर 2018। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और राज्यसभा सांसद  अनिल बलूनी ने उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं के संपूर्ण समाधान के लिए एक विस्तृत फार्मूला प्रस्तुत किया है। हाल ही में अपनी हल्द्वानी में हुई पत्रकार वार्ता में बलूनी ने कहा था कि वह उत्तराखंड की स्वास्थ्य समस्याओं के बड़े समाधान के विषय में होमवर्क कर रहे हैं ताकि राज्य की जनता को प्रदेश में ही उपचार सुलभ हो सके और नागरिकों को उपचार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। इस सम्बन्ध में उन्होने आज एक पत्र प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को लिखा है व शीघ्र ही  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी से भेंट करेंगे और  स्वास्थ्य मंत्री  जे पी नड्डा जी से इस विषय में चर्चा करेंगे।
उन्होंने इस विषय पर विस्तृत अध्ययन करके एक ब्लूप्रिंट पत्र के माध्यम से  प्रधानमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा उन्हें उम्मीद है कि आगामी दिनों में उनके प्रस्ताव पर प्रदेशवासियों को सुखद समाचार प्राप्त होगा। बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री  का उत्तराखंड से भावात्मक संबंध है, वे देश के ऐसे पहले यशस्वी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सर्वाधिक बार उत्तराखंड की यात्राएं की हैं और उत्तराखंड की सम्पूर्ण समस्याओं से अवगत हैं। “अटल जी ने बनाया है, मोदी जी संवारेंगे” के मन्त्र के साथ भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के विकास के लिए अनवरत सेवारत है।
श्री बलूनी ने कहा अटल जी द्वारा प्रदान ऋषिकेश एम्स अब प्रभावी रूप से सेवाएं देने लगा है, किंतु उत्तराखंड राज्य की जनता को संपूर्ण उपचार देने हेतु पर्याप्त नहीं है। श्री बलूनी ने प्रधानमंत्री जी को संबोधित पत्र में कहा है कि ऋषिकेश एम्स का एक अतिरिक्त परिसर कुमाऊं मंडल के हल्द्वानी में स्थापित किया जाए। इसके साथ ही श्रीनगर गढ़वाल और अल्मोड़ा में एक-एक मेडिकल पीजीआई की स्थापना की जाए। इन चार संस्थानों की स्थापना के बाद उत्तराखंड की जनता को उच्च कोटि का उपचार प्राप्त होगा और राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि में एक ऐतिहासिक कदम होगा और राज्य के लिए वरदान साबित होगा।
सांसद बलूनी ने उम्मीद जताई कि माननीय प्रधानमंत्री जी जिनका उत्तराखंड के प्रति विशेष स्नेह है, वह राज्य की जनता को निःसन्देह यह सौगात देंगे। उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ सामरिक प्रांत है। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने हेतु सरकार कृत संकल्प है, किंतु इसके संपूर्ण समाधान के लिए बड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

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नवीन जोशी, नैनीताल, 22 सितंबर 2018। भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने फिर एक अभूतपूर्व फैसला लेते हुए उत्तराखंड राज्य के एक गैर-आबाद निर्जन ‘घोस्ट विलेज’ यानी भुतहा गांव कहे जा रहे पौड़ी जिले के दुगड्डा ब्लॉक के दूरस्थ गांव बौर को गोद लेने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि इस गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया गया है, इसके बाद अन्य ऐसे गैर-आबाद गांवों को भी इसी मॉडल पर आबाद करने के प्रयास किये जायेंगे। इस गाँव को पुनर्जीवित करने के लिए मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि यह गांव पुनर्जीवित होकर अपने पूर्व के स्वरूप में आबाद हो सके। इस संबंध में शीघ्र ही इस गांव के प्रवासियों के साथ बैठक की जायेगी।

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तीन करोड़ प्रवासी उत्तराखंडियों की ‘घर वापसी’ कराएगा आरएसएस !

उनकी इस ‘रिवर्स माइग्रेशन’ की पहल पर विपक्ष की ओर से पूर्व सीएम हरीश रावत की ओर से प्रतिक्रिया काफी कुछ कहने वाली है। हरीश रावत ने भाजपा नेताओं को सलाह दी है कि वह बलूनी की पहलों से घबरायंे नहीं वरन प्रतिस्पर्धा करें। इससे साफ होता है कि अपनी पहलों से बलूनी विपक्ष के बड़े नेताओं का भी ध्यान अपनी ओर आकृष्ट करने में सफल रहे हैं। वहीं यह भी दिखाई दे रहा है उनकी पार्टी-भाजपा के लोग अभी भी उन्हें अधिक महत्व देने से बच रहे हैं। पिछले दिनों उनकी पहल पर नैनी-दून जन शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी चलाने पर राज्य के उनकी पार्टी के नेताओं में रही श्रेय लेने की होड़ पर स्वयं केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल को सफाई देनी पड़ी थी।
बलूनी की गैर-आबाद ग्रामों के पुनर्जीवन की कार्ययोजना के तहत वे उत्तराखण्ड के प्रवासी परिवारों-संगठनों के बीच जाकर संवाद करेंगे। उत्तराखंड के लाखों प्रवासी जो कि दिल्ली, लखनऊ, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद, चंडीगढ़, भोपाल, इंदौर, जयपुर, मुंबई आदि शहरों में जाकर बस गए हैं, उन सबसे चर्चा कर गांव के पुनर्जीवन हेतु अनुरोध किया जाएगा और उनकी मांगों के निराकरण हेतु प्रयास किया जाएगा। साथ ही प्रवासियों से संवाद अभियान के माध्यम से उत्तराखंड के कौथीग (मेले), ऋतुपर्व और पारंपरिक आयोजनों को पुनः पुनर्जीवित करने के लिए संपर्क किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि इस तरह की मुहिम की घोषणा पूर्व में आरएसएस के द्वारा भी की गयी थी, जिसमें प्रवासी उत्तराखंडियों से वर्ष में एक बार अपने गांव आने का आह्वान करने की बात कही गयी थी। लेकिन योजना कहीं धरातल पर उतरी हो, इसकी जानकारी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बलूनी इससे पूर्व पौड़ी जिले के धूमाकोट-नैनीडांडा में बीती 4 जुलाई 2018 को हुई 48 यात्रियों की जान लेने वाली भीषण बस दुर्घटना के बाद अपने छह वर्ष के कार्यकाल में हर वर्ष 2-3 कर उत्तराखंड के हर जिले में 18 आईसीयू बनाने की घोषणा करके भी सुर्खियों में रहे थे। इसके अलावा वे राज्य में सेना के अस्पतालों में स्थानीय लोगों को भी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने और राज्य में केंद्रीय संस्थान स्थापित करने की पहलों के साथ भी लगातार अपना सियासी कद बढ़ाते नजर आ रहे हैं। यह भी विदित हो कि 2017 में उत्तराखंड के विस चुनावों के बाद उनका नाम भी राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुखता से सियासी हलकों में चला था, लेकिन तब तक जनता से सीधे तौर पर न जुड़े होने की कमी उनकी राह में आढ़े आ गयी थी। लेकिन राज्य सभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित होने के बाद से वे लगातार जनता के दिलों पर छाते जा रहे हैं। यह कहना भी गलत न होगा कि पूर्व रास सांसद तरुण विजय के बाद वे एक रास सांसद की क्षमताओं का जनता को अहसास कराने में सफल रहे हैं। ऐसे में वे भविष्य में राज्य के मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में गिने जाएं और मुख्यमंत्री बन जाएं तो आश्चर्य न होगा।

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    • खुशखबरी : सेना के डॉक्टर सूबे में आम लोगों का इलाज भी करेंगे 
    • केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी सैद्धांतिक सहमति 
  • सांसद अनिल बलूनी के अनुरोध पर मिली प्रदेश को सौगात 

देहरादून, 15 सितंबर 2018 । डॉक्टरों की कमी की समस्या झेल रहे उत्तराखंड के लिए खुशखबरी है। प्रदेश के छावनी क्षेत्रों में तैनात सेना के डॉक्टर अब आम लोगों का इलाज भी करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख और उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड की जनता के लिए स्वास्य के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 25 अगस्त 2018 को नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस का तोहफा भी दिलाया था। इसके अलावा वे हाल में संसद में उत्तराखंड के लिए विशेष राहत पैकेज और एनडीआरएफ की स्थाई यूनिट स्थापित करने की मांग भी उठा चुके हैं।

शनिवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हुई बैठक में उन्होंने उत्तराखंड के सामान्य नागरिकों को भी सेना के चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार देने के लिए अनुरोध किया, जिस पर रक्षा मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी है। यह फैसला पर्वतीय जनता की स्वास्य सेवा के क्षेत्र में मील का पत्थर होगा। सांसद बलूनी की रक्षा मंत्री के साथ उनके साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय में भेंट हुई। बैठक में उत्तराखंड के उन सैन्य क्षेत्रों (छावनियों) में, जहां सेना के चिकित्सक उपलब्ध हैं, उनके द्वारा राज्य के सामान्य नागरिकों को भी चिकित्सकीय सहायता मिले, इस विषय पर रक्षा मंत्री से भेंट की तथा दुर्गम क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्य की सुविा प्रदान करने पर र्चचा हुई। सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि रक्षा मंत्री ने राज्य के पलायन की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह स्वयं उत्तराखंड की परिस्थितियों से अवगत हैं और स्वास्य, शिक्षा तथा रोजगार के लिए निरंतर राज्य से पलायन के कारण चिंतित हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमांतवासियों के लिए स्वास्य की सुविधा प्राथमिक रूप से मिलनी चाहिए। इसके कार्यान्वयन के लिए सेना के संबंधित कमान से र्चचा करेंगी। सांसद बलूनी ने कहा कि सेना के देहरादून, रुड़की, लैंसडाउन, हर्षिल, रुद्रप्रयाग, जोशीमठ, रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व धारचूला में सैन्य क्षमता के आधार पर मिलिट्री हॉस्पिटल, फील्ड हॉस्पिटल, सेक्शन हस्पिटल और जनरल हॉस्पिटल कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर आईसीएचएस क्लीनिक कार्य कर रही हैं। रक्षा मंत्री जी से अनुरोध किया गया कि केवल प्राथमिक उपचार, औषाि और मरहम पट्टी स्तर की क्लीनिक जो आम नागरिकों के लिए कुछ घंटे दैनिक रूप से सेवा दें ताकि नागरिकों को स्वास्य के क्षेत्र में बड़ी राहत मिल सके।

अर्धसैनिक बलों के डॉक्टरों को लेकर आज केंद्रीय गृहमंत्री से मिलेंगे बलूनी

देहरादून। अर्धसैनिक बलों के चिकित्सकों से भी प्रदेश की आम जनता का इलाज मिल सके इस बाबत राज्य सभा अनिल बलूनी का रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भेंट का समय तय हुआ है। सांसद बलूनी ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश में सेना के साथ-साथ आईटीबीपी, एसएसबी और सीआरपीएफ की बटालियनें भी हैं, इस संबंध में वह रविवाव को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलेंगे और गृहमंत्री से अपील करेंगे कि वह अर्धसैन्य बलों के चिकित्सकों के माध्यम से भी स्थानीय नागरिकों को मेडिकल सुविधा देने की कृपा करें।

यह भी पढ़ें : उत्तराखंड से भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित

उत्तराखंड की राज्यसभा सीट से भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। गुरूवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में रिटर्निंग आॅफिसर मदन सिंह कुंजवाल ने बलूनी को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र प्रदान किया। इसके बाद मुख्यमंत्री, उनके कैबिनेट मंत्रियों सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायकों ने बलूनी को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने पर पर बधाई व शुभकामनाएं दी। विदित हो कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नाम के भी तेजी से इस पद के लिए चर्चाओं में होने के बीच  त्रिवेंद्र रावत ने उनके नाम की घोषणा की थी। भाजपा ने बलूनी को राज्य सभा पहुंचा कर अब तक उठ रहे सवालों को शांत व सबको निरुत्तर कर दिया है। वे उत्तराखंड से ही हैं, साथ ही किसी राजनीतिक परिवार से भी नहीं हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी की  जिस तरह से प्रबल तरह से पैरवी करते हैं, उनसे उम्मींद की जा सकती है कि वे इसी तरह अपने राज्य उत्तराखंड की भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रबल तरह से पैरवी करेंगे। 

इससे पूर्व मूलतः पौड़ी के निवासी 45 वर्षीय बलूनी का नाम वर्ष 2017 के विधान सभा में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए भी चर्चा में आया था और वे चुनाव पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती देकर भी चर्चा में आये थे। बिहार व गुजरात के राज्यपाल रहे संघ के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह भंडारी के पसंदीदा व करीबी रहे बलूनी अब भाजपा अध्यक्ष अमित साह के विश्वासपात्रों में शामिल हैं ।

मालूम हो कि उत्तराखंड में राज्यसभा की कुल 3 सीटें हैं। इनमें से एक सीट (महेंद्र सिंह माहरा की) खाली हो रही है। यदि उनके विरुद्ध कोई दूसरा प्रत्याशी भी चुनाव में खड़ा होता तो 23 मार्च को चुनाव के दिन गैरसैंण में आयोजित होने जा रहे पहले बज़ट सत्र के दौरान ही राज्यसभा के लिए वोट डाले जाने का इतिहास भी बनना था। कम संख्या बल के मद्देनजर कांग्रेस ने इस चुनाव में पहले ही हार मानते हुए भाजपा को वाकओवर दे दिया है। 

अनिल बलूनी का परिचय

अनिल बलूनी त्रकारिता की पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति में भी सक्रिय और दिल्ली में संघ परिवार के करीब रहे। इसी बीच उन्हें संघ के जाने-माने नेता सुंदर सिंह भंडारी पसंद करने लगे। सुंदर सिंह भंडारी को जब बिहार का राज्यपाल बनाया गया तो वह बलूनी को अपना ओएसडी बनाकर ले गए। बिहार के बाद बलूनी भंडारी के साथ गांधीनगर जा पहुंचे जब भंडारी को गुजरात का राज्यपाल बनाया गया। 2002 में बलूनी देहरादून लौट आए। 26 साल की उम्र में राजनीति की ओर कदम बढ़ाते हुए उत्तराखंड की कोटद्वार सीट से चुनाव में हाथ आजमाया लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। उनका नामांकन अवैध घोषित हो गया था।

यह है राज्य की राजनीतिक स्थिति :

उत्तराखंड राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 11 विधायक हैं, जबकि दो निर्दलीय। ऐसे में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं दिखती। वजह ये कि यदि दो निर्दलीयों का समर्थन नहीं मिला और अपना कोई विधायक भी इधर-उधर हो गया तो किरकिरी हो सकती है। इस स्थिति का आंकलन कर कांग्रेस पहले ही साफ भी कर चुकी है कि वह प्रत्याशी नहीं उतारेगी।

वहीं भाजपा की बात करें तो उसके पास 1 सदस्य मगन लाल साह की मृत्यु के बाद 69 विधायकों के सदन में 56 सदस्य हैं। लिहाजा प्रचंड बहुमत होने के कारण उसकी जीत तय है। विपक्ष का कोई प्रत्याशी न उतरने पर इस सीट पर मतदान की नौबत नहीं आएगी।

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